Rashmi Arya

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चल मांझी

चल मांझी
निकल पड़ तू ले कर अपनी तारिणी,

कभी बीच सफर पर रुकना नही,
थक हार कर कभी टूटना नही,
माना सफर लंबा है लेकिन,
तू टूट कर कभी बिखरना नही,
चल मांझी,
निकल पड़ तू ले कर अपनी तारिणी,

उत्साह से आगे बढ़ता जा,
पीछे मुड़ कभी देखना नही,
हो निराश मन कभी,
हार तू ना मानना कभी,
चल मांझी,
निकल पड़ तू ले कर अपनी तारिणी,

धीरज को कर धारण तू,
मन में ठान लेना जीत,
कभी जो देखना पड़ा हार का मुंह,
हार कर भी तू कभी रुकना नही,
चल मांझी,
निकल पड़ तू ले कर अपनी तारिणी।


©️रश्मि आर्य


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4 Comments

चल मांझी.... सकारात्मकता दर्शाती आपकी ये रचना 👌👌

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Author sid

29-Jul-2021 10:24 AM

Good

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Aliya khan

29-Jul-2021 08:47 AM

Wah

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